शिमला। हिमाचल प्रदेश में शिक्षा विभाग में गेस्ट टीचर भर्ती पॉलिसी को 12 दिसंबर को हुई कैबिनेट बैठक में गेस्ट टीचर भर्ती पॉलिसी को मंजूरी देने के बाद युवाओं में बडा रोष है। सोमवार को गेस्ट टीचर भर्ती पॉलिसी के विरोध में शिक्षित बेरोजगार संघ सड़क पर उतरा और नारेबाजी की। बेरोजगार शिमला में डीसी ऑफिस के बाहर प्रदर्शन कर गेस्ट टीचर भर्ती पॉलिसी को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। युवाओं का कहना है कि सरकार युवाओं का शोषण कर रही है ।
प्रशिक्षित बेरोजगारों का कहना है कि सरकार ने एक लाख नौकरियों का वायदा किया था लेकिन पूरा नहीं हुआ। गेस्ट टीचर भर्ती कर युवाओं के साथ खिलवाड़ किया जा रहा हैं। युवाओं ने दावा किया कि 257 लोगों को ही सरकारी क्षेत्र में रोजगार दिया गया हैं। अगर सरकार इस युवा विरोधी पॉलिसी को वापिस नहीं लेती है तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि शीतकालीन सत्र के दौरान विधानसभा का घेराव किया जाएगा अगर फिर भी बात नहीं बनी तो सचिवालय के बाहर युवा फिर से एकत्रित होकर प्रदर्शन करेगा।
वही भाजपा के मुख्य प्रवक्ता राकेश जमवाल ने कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि चुनावों से पहले युवाओं को लुभाने के लिए कांग्रेस ने 5 लाख सरकारी नौकरियां और हर साल 1 लाख रोजगार देने का वादा किया था। सत्ता में आते ही इन वादों को भूलकर सुक्खू सरकार ने हिमाचल के शिक्षित युवाओं के सपनों को चूर-चूर कर दिया। कांग्रेस सरकार ने 10,000 आउटसोर्स कर्मियों को बाहर निकालने और डेढ़ लाख सरकारी पद समाप्त करने का शर्मनाक कदम उठाया है।
राकेश जमवाल ने कहा कि सरकार खुद भी हिमाचल प्रदेश की सत्ता में 'गेस्ट' की तरह ही आई है. ऐसे में उसका ध्यान भी गेस्ट टीचर पॉलिसी पर ही है. कांग्रेस अपनी फितरत के मुताबिक युवाओं के साथ वादाखिलाफी कर रही है. आज राज्य का युवा सड़क पर उतर आया है और यह सुक्खू सरकार के लिए खतरे की घंटी है.
जम्वाल ने कहा कि गेस्ट टीचर पॉलिसी और आउटसोर्स पॉलिसी के जरिए सरकार ने प्रदेश के शिक्षित बेरोजगार युवाओं को अपमानजनक स्थिति में डाल दिया है। नियमित रोजगार देने की गारंटी पर सत्ता प्राप्त करने वाली यह सरकार अब युवाओं को दिहाड़ी पर काम देकर उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। कांग्रेस ने सत्ता में आते ही अपने चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए बैकडोर भर्तियों का रास्ता खोला है, जबकि मेहनती और योग्य युवाओं को उनके अधिकारों से वंचित कर दिया गया।
राकेश जमवाल ने कहा कि सुक्खू सरकार का यह रवैया न केवल असंवेदनशील है, बल्कि हिमाचल के युवाओं के प्रति घोर अन्याय भी है। शिक्षित बेरोजगार संघ के विरोध प्रदर्शन और विधानसभा घेराव की चेतावनी सरकार की विफल नीतियों का प्रत्यक्ष परिणाम है। यह शर्मनाक है कि कांग्रेस सरकार जनता की आवाज सुनने और उनके सवालों का जवाब देने के बजाय मूकदर्शक बनी हुई है।
राकेश जम्वाल ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने जल्द से जल्द गेस्ट टीचर पॉलिसी और आउटसोर्स पॉलिसी पर पुनर्विचार नहीं किया और योग्य युवाओं को नियमित रोजगार देने की ठोस नीति नहीं बनाई, तो भाजपा इस आंदोलन को विधानसभा से लेकर सड़कों तक ले जाएगी। हिमाचल की जनता कांग्रेस सरकार की इस धोखाधड़ी को माफ नहीं करेगी।जमवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री सुक्खू और उनकी सरकार को यह समझ लेना चाहिए कि काले झंडे दिखाने और सचिवालय के घेराव की चेतावनी केवल शुरुआत है। यदि युवाओं की मांगें नहीं मानी गईं, तो कांग्रेस सरकार को जनाक्रोश का सामना करना पड़ेगा।
मुख्य प्रवक्ता राकेश जमवाल ने कहा कि भाजपा प्रदेश के युवाओं के साथ खड़ी है और उनके अधिकारों के लिए हर स्तर पर लड़ाई लड़ेगी। उन्होंने कांग्रेस सरकार से सवाल किया कि आखिर कब तक वह युवाओं को झूठे वादों और असंवेदनशील नीतियों से छलती रहेगी। भाजपा हिमाचल के शिक्षित युवाओं को उनके अधिकार दिलाने के लिए हर संभव प्रयास करेगी और सुक्खू सरकार के झूठे वादों को उजागर करती रहेगी।
"सत्ता सुख के लिए वादाखिलाफी और बैकडोर राजनीति नहीं चलेगी। युवाओं के साथ यह विश्वासघात अब और बर्दाश्त नहीं होगा।"